मोरक्को के छोटे से गावं में एक बच्चा हामिद रहता था…
उसके स्कूल के बच्चे उसको हमेशा “उल्लू”
बोलकर चिढाते थे
और
उसकी टीचर उस की
बेवकूफियों से हमेशा बहुत परेशान रहती थी..
एक दिन उसकी माँ उसका रिजल्ट जानने उसके
स्कूल गयी और टीचर से हामिद के बारे में पूछा..
टीचर ने कहा कि “अपने जीवन के पचीस साल के
कार्यकाल में उसने पहली बार ऐसा बेवकूफ लड़का देखा है,
ये जीवन में कुछ न कर पायेगा”
यह सुनकर हामिद की माँ बहुत आहात हो गयी
और
उसने शर्म के मारे वो गाँव छोड़कर
एक शहर में चली गयी हामिद को लेकर..
बीस साल बाद जब उस टीचर को दिल की बिमारी हुई
तो सबने उसे शहर के एक डॉक्टर का नाम सुझाया
जो ओपन हार्ट सर्जरी करने में माहिर था..
टीचर ने जा कर सर्जरी करवाई और ऑपरेशन कामयाब रहा..
जब वो बेहोशी से वापस आई और आँख खोली
तो
टीचर ने एक सुदर और सुडौल नौजवान डॉक्टर को
अपने बेड के बगल खड़े हो कर मुस्कुराते हुवे देखा..
वो टीचर डॉक्टर को शुक्रिया बोलने ही वाली थी
अचानक उसका चेहरा नीला पड़ गया..
और
जब तक
डॉक्टर कुछ समझें समझें.. वो टीचर मर गयी..
डॉक्टर अचम्भे से देख रहे थे और समझने की
कोशिश कर रहे थे की आखिर हुवा क्या है..
तभी वो पीछे मुड़े और देखा कि हामिद,
जो की उसी अस्पताल में एक सफाई कर्मचारी था,
उसने वेंटीलेटर का प्लग हटा के
अपना वैक्यूम क्लीनर का प्लग लगा दिया था..
अब अगर आप लोग ये सोच रहे थे कि हामिद
डॉक्टर बन गया था..
तो इसका मतलब ये है की आप
हिंदी/तमिल/तेलुगु फ़िल्में बहुत ज्यादा देखते हैं..
या फिर बहुत ज्यादा प्रेरणादायक कहानियां पढ़ते हैं..
हामिद उल्लू था और उल्लू ही रहेगा!!
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