एक चाय दुकान पर 10 साल का बच्चा काम करता था, उसके माता पिता नही रहें, दो छोटी बहने एक छोटा भाई की जिम्मेदारी उसी के मासूम कंधे पे थी !
उसे चाय दुकान में काम करने के एवज में, रोज के 50 रूपयें मिलतें थे, वहाँ बहुत ही मेहनती और ईमानदार था, पर उसका मालिक उतना ही लालची और मक्कार था, एक गिलास टूटने पर उसके 10 रूपयें काट लेता था, पर उस छोटू को पता था, की अगर मैंने यहाँ काम छोड़ दिया तो, कौन मुजे काम पर रखेगा, इसलिए वहाँ अपने मालिक से कुछ नही कहता था…………☘
काम से छूटते ही जब वहाँ घर जाता, तो उसके भाई बहन उसके आने से खुश हो जाते, भाईया आये है खाने को लाये हैं उन मासूमों को तो ये भी नही पता था, आजकल 50 रूपये में क्या होता है, लेकीन वहाँ कैसे ना कैसे कर के अपना घर चला लेता था, भूख उतनी भी बड़ी नही होती जितनी मजबूरी बड़ी होती हैं, कई_ कई रात वो छोटू अपने भाई बहनों को खाना खिलाकर ही खुद भूखा सो जाता………?
उसका मालिक कभी कभी जादा चाय बिकने पर उसे पाँच रूपये जादा दे देता था, और कहता रख ले तु भी क्या याद करेगा किस सेठ से पाला पड़ा हैं, वो छोटू भी बिना कुछ कहें रख लेता………..☘
एक दिन वहाँ सबको चाय बाँटने जा रहा था, रास्ते से आते हुये, एक प्रेमी जोड़े ने अपनी मस्ती में उस पर गाड़ी चढ़ा दी, खुशकिस्मती से छोटू तो बच गया, पर उसके चाय के सारे गिलास, चाय सब गिर के टूट गयी, अब सोचने लगा की मालिक तो मुझे मार ही डालेंगे, कैसे करू क्या करू, और उदास हो गया, फिर भी वहाँ हिम्मत कर के दुकान पर चला गया, मालिक ने जैसे ही देखा उस पर बरस पड़ा, गालियाँ देने लगा, और ये कहने लगा, इसका पैसा तेरा बाप भरेगा, उस छोटू के हाथों से खून निकल रहा था, पर मालिक को अपनी चाय और गिलास की पड़ी थी, खैर उसके मालिक ने कहा, इसके पैसें तेरी रोजी से कटेंगे, पूरे सौ रूपये का नुकसान हुआ, छोटू ने सर हिला कर हाँ कहा दिया और अपने काम पर लग गया………?
थोड़ी देर बाद एक महिला उस दुकान पर आयी उसके साथ, एक दूध पीता बच्चा था, उसकी ऑखों में ऑसू थे, वहाँ दुकान के बाहर खड़ी_खड़ी पर अंदर आने की हिम्मत नही कर पा रही थी, फिर भी वहाँ हिम्मत कर के अंदर आयी, और दुकानदार से कहने लगी,
भाई साहब, मैं बस से आ रही थी, किसी ने मेरा सामान और पैसा चोरी कर लिया हैं, मेरा बच्चा पिछले तीन चार घंटे से भूखा हैं थोड़ा सा दूध दे दीजिए,
दुकानदार वैसे ही लालची और मक्कार और कंजूस था, उसने कहा चलो_चलो आगे बढ़ो यहाँ कुछ नही मिलेगा, पता नही कहा_कहा से चले आते हैं जाओ जाओ यहाँ से………….☘
वो उदास ऑखे लिए जाने लगी, शायद उसके बच्चें को भी भूख लगने लगी थी, वो भी रोने लगा,
पास खड़ा ही छोटू सब देख रहा था, उसने पतीले से दूध निकाला और दौड़कर उस महिला के पास पहुंचा और कहा ये लो बिवीजी आप बच्चें को दूध पिला दीजिए, और मैं थोड़ा और दूध आपको और पन्नी में बाँधकर देता हूं आपके घर पहुचने तक काम आयेगा!
महिला नम ऑखों से उस लड़के को देखती हैं, कपड़े फटे, पैरों में चप्पल नही, पर दिल इतना बड़ा, और उसे कहते हैं मेरी दुआ है बच्चें तु एक दिन बहुत बड़ा आदमी बनेगा और नेक भी महिला चली जाती हैं…………?
……..छोटू दुकान वापस आता हैं; मालिक गुस्सें से लाल होकर बस उसके आने की ही प्रतिक्षा में था,
वो कुछ बोले उससे पहले छोटू बोल बड़ा
मालिक 150 रूपये हो गयें
आप तीन दिन मुझे रोजी मत देना
इतना कह कर छोटू काम पर लग जाता हैं……..?
………उसका मालिक कुछ नही कह पाता हैं, और पास ही खड़ा एक ग्राहक उसके मालिक से कहता हैं पैंसे की अमीरी तो तुमने बहुत देखी हैं, आज तुमने दिल की अमीरी देख ली,
और कहता हैं देख तेरा छोटू बड़ा हो गया हैं………?
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नोट____कभी किसी की भी गरीबी का मजाक ना उड़ाये, भले आपके पास कितने भी पैंसे हो,
पर एक गरीब इंसान भी, चार पाँच लोगो को पालता हैं⚘?⚘